منگل، 22 اپریل، 2014

Wisely , and slow . they stumble that run fast


जो तेज़ी से आगे बढ़ता है उसके गिरने की आशंका अधिक होती है

मोहम्मद आसिफ रियाज़

पन्द्रह फ़रवरी  2014 को दिल्ली के प्रगति मैदान पुस्तक मेला में जाने का मौक़ा मिला. मेला से हम ने कुछ किताबें खरीदीं. घर वापसी में देर हो गई. रात नौ बजे घर वापस आया. सारी रात बैठकर किताबें पढ़ता रहा. सुबह के समय नींद आ गई. सो कर उठा तो ऑफिस जाना था, इसलिए नहा कर   घर से निकल पड़ा. सुबह सिर में दर्द शुरू हुआ और शाम तक दर्द के साथ बुख़ार आ गया. ऑफिस से लौट कर दवाएं लीं और फिर बिस्तर पर आराम करने के लिए चला गया. सिर में दर्द बहुत तेज़ था और बुखार भी आ गया था तो उस रात कुछ पढ़ नहीं सका. सुबह जब नींद खुली तो कुछ राहत मिली लेकिन फिर भी कमजोरी इतनी थी कि शरीर पढ़ने की अनुमति नहीं दे रहा था, तो सुबह भी कुछ नहीं पढ़ सका. इस प्रकार मैं एक रात की मेहनत के कारण कई रातों की पढ़ाई से वंचित हो गया.

इस अनुभव से गुज़रने के बाद मुझे किसी विद्वान की यह बात याद आ गई "यह संभव है कि आप एक घंटा बहुत तेजी से अपने जीवन का सफर तय कर लें, लेकिन इसके साथ इस बात की आशंका लगी रहती है कि आप अपने एक घंटे की गति और तेजी के कारण एक सप्ताह से वंचित हो जाएंगे.”

मुझे इस अनुभव के आधार पर यह ज्ञान हुआ कि आदमी को किसी प्रकार का निर्णय लेने से पहले अपनी ऊर्जा की समीक्षा कर लेनी चाहिए. अगर आदमी ऐसा ना करे तो यह संभव है कि वह एक दिन बहुत तेज गति के साथ आगे बढ़े और दूसरे दिन किसी काम के लायक ना रहे. विलियम शेक्सपियर ने इस बात को इन शब्दों में समझाने की कोशिश की थी:

  Wisely , and slow . they stumble that run fast

"समझदारी के साथ धीमी गति से आगे बढ़ो, जो तेजी से आगे बढ़ता है उसके गिरने की आशंका अधिक होती है."

बच्चे धीरे धीरे बोलना सीखते हैं, पक्षी धीरे धीरे उड़ना सीखते हैं, पौधे धीरे धीरे तना व पेड़ में बदलते हैं, यह प्रकृति का सबक़ है और कोई भी व्यक्ति प्रकृति के खिलाफ जाकर सफल नहीं हो सकता है.

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