جمعہ، 11 اپریل، 2014

पहले देखिये कि आग किस चीज़ से भड़की है



मोहम्मद आसिफ़ रियाज़
मिसाइल मैन के नाम से मशहूर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की नई पुस्तक 2013 में प्रकाशित हुई है. इस पुस्तक का नाम “माइ जरनी” (My Journey) है. उन्होंने इस पुस्तक में कई महत्वपूर्ण व दिलचस्प घटनाओं का ज़िक्र किया है. यहां उन घटनाओं में से एक का उल्लेख कर रहा हूँ. उन्होंने लिखा है कि जब वह अपने दोस्त सुधाकर के साथ पेलोड तैयारी प्रयोगशाला में रॉकेट के लिए पेलोड तैयार कर रहे थे तो उसी बीच एक खौफ़नाक घटना हुई. हुआ यह कि हम सोडियम और थरमाईट को मिलाते समय काम में इतने विलीन हो गए कि विज्ञान का एक सरल सिद्धांत भूल गए, वह यह कि अगर शुद्ध सोडियम में पानी का एक बूंद भी चला जाए तो धमाके के साथ आग भड़क उठेगी.

हुआ यह कि गर्मी का मौसम था, और तपिश बहुत ज़्यादा थी. हम प्रयोगशाला में पेलोड की जाँच करने पहुंचे तो सुधाकर ने अपना चेहरा झुका कर पेलोड को देखना चाहा. उसके चेहरे से पसीना टपक रहा था, जैसे उसका पसीना सोडियम पर पड़ा एक धमाके के साथ आग भड़क उठी.
सुधाकर ने अपने हाथ से प्रयोगशाला का शीशा तोड़ दिया और हमें धक्का देकर बाहर निकाल दिया. अब वह लहूलुहान हो चुका था. हम लोग बाहर खड़े होकर बड़ी बेबसी के साथ अपनी आँखों के सामने प्रयोगशाला को जलता हुआ देख रहे थे. हम उस पर पानी डाल नहीं सकते थे क्योंकि आग सोडियम से लगी थी, पानी डालने से ज़्यादा भड़क उठती.

It was a fire due to sodium , so using water would not help. Rather, it would add to the devastation. (My Journey: 97)

मानव जीवन में अक्सर समस्याएं पैदा होती रहती हैं. कभी एक प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है तो कभी दूसरे प्रकार की समस्या. आदमी को हर समस्या का समाधान निकालना पड़ता है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति हर समस्या को एक ही तरीका से हल करना चाहे तो वह समस्या को और अधिक जटिल बना देगा. वह उसे सुलझाने कि बजाय और उलझा देगा. हर समस्या एक अलग प्रकार के समाधान की मांग करती है. समस्या के समाधान से पहले व्यक्ति को देखना पड़ता है कि समस्या की आग किस चीज से भड़की है. यदि समस्या की आग सामान्य प्रकार की आग है तो उसे पानी से बुझाया जाएगा और अगर वह आग सोडियम से भड़की है तो उसे पानी से बचाया जाएगा, क्योंकि पानी सोडियम की आग को कई गुना अधिक भड़का देता है.


समस्या के समाधान से पहले आदमी को ज़रूर जानना चाहिए कि समस्या किस बात से पैदा हुई है. अगर कोई व्यक्ति समस्या की वास्तविकता को जाने बिना उसे हल करना चाहे तो बहुत मुमकिन है कि आग सोडियम से भड़की हो और वह उसे पानी से बुझा रहा हो.

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